Saturday, 11 January 2014

जिना तो चाहता था

जिना तो चाहता था तेरे साथ हसी से
जरूर पडे मरता भी तेरे लिये हसी से
लेकिन तेरा प्यार निकाला झुटा
मेरा दिल भी कहने लगा मेरे प्यार को
बेवफा............

लेखक
अजय घाटगे

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