जिंदगी है मेरी चार दिन कि ये समज कर हि मै जिता हु
जन्नत मै जाऊंगा या नही मालूम नही.
लेकिन पे जो कायर रहते है उनसे मै हर वक्त दूर रहना पसंद करता हु .......
लेखक_कवी
अजय घाटगे
जन्नत मै जाऊंगा या नही मालूम नही.
लेकिन पे जो कायर रहते है उनसे मै हर वक्त दूर रहना पसंद करता हु .......
लेखक_कवी
अजय घाटगे
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