Friday, 21 November 2014

आप फुल दे रहे है

आप फुल
दे रहे है
यहा हम
दिल दे
चुके है 
वरना
फुल तो हमरे
घर के बहार
बगीचे मै
भी खिलते है .  
अजयसिंह घाटगे सरकार

No comments:

Post a Comment