Thursday, 6 March 2014

जान है वो मेरी

जान है वो मेरी मगर
जिस दिन नही दिखती है
उस दिन जान निकल जाती है
मारी
लाख समजणे के बावजुद भी
दिल उसपे मरता है कि
उसके सिवाह इस दुनिया मै
अच्छा कोयी नही दिखता है ........

लेखक_कवी
अजय घाटगे

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