जान है वो मेरी मगर
जिस दिन नही दिखती है
उस दिन जान निकल जाती है
मारी
लाख समजणे के बावजुद भी
दिल उसपे मरता है कि
उसके सिवाह इस दुनिया मै
अच्छा कोयी नही दिखता है ........
लेखक_कवी
अजय घाटगे
जिस दिन नही दिखती है
उस दिन जान निकल जाती है
मारी
लाख समजणे के बावजुद भी
दिल उसपे मरता है कि
उसके सिवाह इस दुनिया मै
अच्छा कोयी नही दिखता है ........
लेखक_कवी
अजय घाटगे
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