Sunday, 2 March 2014

मां

मां तुही है मेरा साया इस जहा ने
जब जब मुझे ठुकराया तब तब तेरी
दुआ ने मुझे जिना सिखाया
मां तुही है मेरा साया
तुने हि मुझे जिना सिखाया..

लेखक_कवी
अजय घाटगे

No comments:

Post a Comment